- केंद्र द्वारा किये जाने वाए शोध एवं प्रकाशन कार्य स्थानीय, राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर उभरते सामजिक मुद्दों के साथ इसके लगातार होते जुड़ाव की ओर इंगित करते हैं । केंद्र ने इनमें से कुछ मुद्दों पर कार्य करने के लिए नवीनतम कोर्स एवं शोध कार्यक्रम का विकास करने का प्रयास किया है, पर इन प्रयासों को केंद्र के अकादमिक स्त्रोतों में वृद्धि करके और भी मज़बूत बनाया जा सकता है । नीचे दिए गए अध्ययन एवं शोध के क्षेत्रों पर और भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है :
- सोशियोलॉजिकल थ्योरी;
- क्वांटिटेटिव मेथड्स इन सोशल रिसर्च;
- सोशल डेमोग्राफी;
- सोशल साइकोलॉजी;
- हिस्टोरिकल एंथ्रोपोलॉजी;
- सोशल इकोलॉजी;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ ग्लोबलाइसेशन;
- मीडिया स्टडीज;
- मॉडर्न इंडियन सोशल थॉट; एवं
- सोशियोलॉजी ऑफ़ साइंस
अपने अधिदेश को पूरा करने के लिए केंद्र की फैकल्टी, विद्यार्थियों एवं शोध स्टाफ ने पिछले सालों में निम्नलिखित क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान दिया है :
- सोशियोलॉजी ऑफ़ मॉडरनाइसेशन एंड डेवलपमेंट;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ प्रोफेशन्स एंड प्रोफेशनलाइसेशन ;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ सोशल स्ट्रैटफकेशन;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ सोशल मूवमेंट्स एंड सोशल मोबिलाइजेशन;
- स्टडीज ऑफ़ मार्जिनलाइज्ड ग्रुप्स, माइनॉरिटीज एंड दलित्स;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ ट्राइब्स एंड एथनिसिटी;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ एजुकेशन ;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ नॉलेज ;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ जेंडर एंड जेंडर रिलेशन्स;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ द इंडियन डायस्पोरा;
- सोशियोलॉजी ऑफ़ रिलिजन; एवं
- कल्चर स्टडीज